कुछ RGB रंगों का मिलान करना मुश्किल क्यों होता है?

RGB एक एडिटिव है और यह लाइट से मिलकर बनता है, जहां आप जितने और रंग इसमें मिलाते हैं, यह उतना ज़्यादा चमकीला और सफ़ेद रंग के करीबी स्वरूप में आता है। आप जितने कम रंग इसमें मिलाते हैं यह उतना ही अधिक काले रंग के करीबी स्वरूप में होता है। इससे पता चलता है कि RGB में चमकीले, नियॉन कलर पाना कैसे संभव है। आपकी TV, कंप्यूटर और फ़ोन स्क्रीन इसी तरह काम करती है।

दूसरी ओर, CMYK सब्ट्रैक्टिव है और यह इंक से मिलकर बनता है। आप इसमें जितने अधिक रंग कम्बाइन करते हैं, यह उतना ही अधिक गहरा और काले रंग के करीबी स्वरूप में जाता है, और आने वाली लाइट इसके सबस्ट्रेट से उतना अधिक रिफ्लेक्ट नहीं हो सकती है।

नीचे दिया गया उदाहरण RGB रंगों का उपयोग करता है और नीचे दिया गया उदाहरण शीर्ष पर डिजिटल आर्टवर्क बनाम नीचे प्रिंटेड आर्टवर्क के बीच अंतर दिखाता है।

RGB Example

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